चांद चढ़यो गिगनार हिंदी लिरिक्स अनुप्रिया लाखावत
Chand chadhyo gignaar song anupriya lakhawat
ne gaya hai aur music kapil jangid ne diya hai
Chand chadhyo gignar
song credit:
Singer: Anupriya
lakhawat
Music: Kapil jangir
[ चाँद चढ्यो गिगनार फिर सा
ढल आई आधी रात पिहुजी
अब तो घरा पधारो
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छे ] ( दो बार )
हाथा मेहंदी राच्नी , कोई नैना सुरमा सारयो जी ( दो बार )
ले दिव्लो चढ़ गई चौबारे, मरबड़ सेज सवारों जी( दो बार )
बेठी मनड़ों मार गोरी रा आया नहीं भरतार
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छे
चाँद चढ्यो गिगनार फिर सा
ढल आई आधी रात पिहुजी
अब तो घरा पधारो
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छ
ज्यो ज्यो तेल बाले दिवलो में, भड़ बाती सरकावे रे ( दो बार )
नहीं आयो मद छखियो बालम, दिव्लो नाड़ हिलावे जी
दिवले सु झुंझड़ाए गोरी, दिवलो दियो बुझाये,
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छे
चाँद चढ्यो गिगनार फिर सा
ढल आई आधी रात पिहुजी
अब तो घरा पधारो
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छे
सिसक सिसक क गोरी रोवे , तकियों काड़ा कर जी( दो बार )
उगतो सूरज प्रीतम आया, हाथ मौर पर धरिया जी
कठे बिताई सारी रात देखो उग आयो परिभात
मारुडी थारी बिलखे छे जी बिलखे छे
चंदो गयो सिधार देखो, उग आयो परभात
म्हारा अब आया भरतार
मनड़ों मुडखे छे जी मुडखे छे
मुडखे छे जी मुडखे छे
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